डायरिया व उसके लक्षण, कारण, खान-पान व परहेज़
डायरिया पेट संबंधी एक रोग है। इसमें रोगी व्यक्ति को बहुत ज्यादा पतली दस्त पड़ती है तथा बार बार उल्टी होती रहती है। डायरिया होने पर व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी बहुत ज्यादा हो जाती है, क्योंकि दस्त व उल्टी दोनों के जरिए शरीर से बहुत अधिक मात्रा में पानी व आवश्यक लवण निकल जाते हैं। सामान्यतया डायरिया दूषित जल व दूषित भोजन के कारण होता है। डायरिया एक संक्रमित रोग है जो कि साफ-सफाई व शारीरिक हाइजीन न रखने के कारण हो जाता है।
डायरिया वैसे तो एक सामान्य रोग है लेकिन यदि रोगी के प्रति उचित सावधानी न बरती जाए तो गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। यदि ध्यान न दिया जाए तो डायरिया पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। डायरिया ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है। वैसे तो डायरिया किसी भी व्यक्ति को हो सकता है लेकिन छोटे बच्चों विशेषकर 5 साल से कम आयु के बच्चों में डायरिया से होने वाली मौतों का आंकड़ा बहुत ज्यादा है। इसलिए डायरिया होने पर पीड़ित व्यक्ति का ध्यान गंभीरता से रखा जाना चाहिए।
डायरिया होने वाले व्यक्ति को दिन में 3 या 3 से अधिक बार पतली दस्त तथा उल्टी हो सकती है। ऐसे में शरीर से बहुत अधिक मात्रा में पानी व आवश्यक तत्व, लवण आदि निकल जाते हैं। जिस कारण रोगी व्यक्ति का शरीर बहुत ज्यादा सुस्त पड़ जाता है और व्यक्ति का शरीर डीहाइड्रेट हो जाता है। गंभीर डायरिया होने की दशा में पतली दस्त खून भरी होने लगती है तथा उल्टी में भी खून आने लगता है। डायरिया से पीड़ित व्यक्ति को जल अधिक मात्रा में पिलाना चाहिए,जिससे कि उसके शरीर में जल की कमी पूरी हो जाए। इस दौरान भोजन में ज्यादातर तरल पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए क्योंकि तरल आहार के सेवन से शरीर में हुई पानी की कमी की पूर्ति हो जाती है, साथ हीे सुपाच्य होने के कारण रोगी इसे आसानी से पचा भी पता है। डायरिया को गैस्ट्रोएन्टराइटिस यानी पेट का फ्लू भी कहा जाता है। डायरिया में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है,जिस कारण रोगी व्यक्ति एकदम शिथिल हो जाता है और बिस्तर पकड़ लेता है। डायरिया होने पर व्यक्ति का ध्यान अत्यंत सावधानी पूर्वक रखा जाना चाहिए।
लक्षण-
डायरिया होने पर व्यक्ति के शरीर पर निम्नांकित लक्षण दर्शित होते हैं:
- बार बार दस्त या खूनी दस्त होना,
- उल्टी होना,
- पेट में ऐठन या मरोड़ के साथ तेज दर्द,
- अत्यधिक कमजोरी महसूस होना,
- बुखार व बदन दर्द,
- रूखी त्वचा,
- होंठ का हर समय सूखा रहना,
- चक्कर आना,
- पेट में सूजन आना,
- पूरे शरीर के जोड़ों का मांस पेशियों में दर्द व ऐंठन।
छोटे बच्चों में डायरिया के लक्षण:
- बच्चे का मुंह सूखना,
- बच्चे का पेट एकदम अंदर घुस जाना,
- बच्चे का बहुत देर तक बाथरूम न करना,
- बुखार होना,
- रोने के बावजूद भी आंसू न निकलना।
कारण-
डायरिया होने के पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं, डारिया कई कारणों से हो सकता है:
- दूषित व संक्रमित जल या या भोजन का सेवन करने के कारण,
- बासी या बहुत देर तक खुला हुआ रखा भोजन करने के कारण,
- गंदे,सीलन युक्त,नमी वाले दूषित स्थान पर रहने के कारण,
- छोटे बच्चों में डायरिया का एक मुख्य कारण दांत निकलने के समय उनके मसूड़ों में होने वाला दर्द भी है। जब छोटे बच्चों का दांत निकल रहा होता है तब वह नीचे पड़ी गंदी-साफ कोई भी वस्तु उठाकर अपने मसूड़ों से दबाने लगते हैं क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें राहत मिलती है किंतु कई दूषित कीटाणु व बैक्टीरिया इस जरिए उनके पेट में चले जाते हैं और उन्हें संक्रमित कर डायरिया पैदा कर देते हैं।
- कभी-कभी अपच के कारण भी उल्टी व पतली दस्त पड़ने लगती है जो कि गंभीर डायरिया का रूप ले लेती है।
- डारिया का एक मुख्य कारण रोटावायरस है जिसके इंफेक्शन के कारण डायरिया होता है।
- छोटे बच्चों को दूषित या मिलावटी दूध पिलाने पर भी डायरिया हो जाता है।
- बच्चों को डायरिया की समस्या लंबे समय तक एंटीबायोटिक दिए जाने के कारण भी हो सकती है। इसी भांति वयस्कों में भी कभी-कभी दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण डायरिया हो जाता है।
क्या खाएं क्या नहीं-
डायरिया पेट तथा पाचन संबंधी बीमारी है। डायरिया होने पर रोगी व्यक्ति का शरीर व उसकी पाचन शक्ति अत्यंत कमजोर हो जाती है। ऐसे में खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। खान-पान में गड़बड़ी करने पर रोगी व्यक्ति की हालत और ज्यादा गंभीर हो सकती है और उसके लिए जीवन का संकट भी पैदा हो सकता है।
तो आइए यहां पर हम जानते हैं कि डायरिया के रोगी को किन आहारों का सेवन करना चाहिए तथा खाने में किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
क्या खाएं-
डायरिया पीड़ित व्यक्ति को अत्यधिक हल्का व सुपाच्य भोजन ग्रहण करना चाहिए। डायरिया पीड़ित व्यक्ति निम्नांकित चीजों का सेवन कर सकते हैं:-
1. डायरिया होने पर नारियल पानी का सेवन करना चाहिए:
नारियल पानी डायरिया के कारण होने वाली पानी की कमी को पूरा करने के लिए अत्यंत कारगर उपाय है। यह शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकालने में भी मदद करता है जिससे डायरिया में ज्यादा राहत मिलती है। डायरिया होने की स्थिति में हर 2 घंटे में एक गिलास नारियल पानी पीने से डायरिया से छुटकारा मिल जाता है। नारियल पानी आंत्रशोथ रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है तथा डायरिया के दौरान पेट को ठंडा रखने में भी मदद करता है।
2. डायरिया होने की स्थिति में दही का सेवन करें:
डायरिया के रोगियों को दही का सेवन करना चाहिए। दही पेट संबंधी विकारों के लिए औषधि का काम करती है तो पेट को ठंडा रखती है। दही एक प्रोबायोटिक है जो कि हमारे शरीर में हाथ के अच्छे बैक्टीरिया की सहायता करती है तथा यह पाचन वह स्वतंत्र मल त्यागने भी सहायता करती है।
3. डायरिया में लौकी खाएं:
डायरिया के रोगी को लौकी की सब्जी व लौकी के जूस का सेवन करना चाहिए। लौकी तो वैसे भी पेट के लिए अत्यंत फायदेमंद होती है तथा पेट को ठंडा रखती है। लौकी हल्की तथा सुपाच्य से भी होती है इसलिए दिया करो कि व्यक्ति इसे आसानी से पचा लेता है। इसके साथ ही लौकी खाने से डायरिया के दौरान होने वाली दस्त भी रुक जाती है।
4. डायरिया के रोगियों को मूंग की दाल का सेवन करना चाहिए:
मूंग की दाल डायरिया रोगी के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। सभी दालों में केवल यही दाल है जो शरीर को बहुत ज्यादा ताकत देती है, साथ ही सुपाच्य भी होती है। इसको डायरिया का रोगी चावल के साथ खा सकता है, यहआसानी से पच जाती है।
5. डायरिया होने पर भोजन में खिचड़ी का सेवन करें:
दस्त पड़ रहे व्यक्ति को खिचड़ी का सेवन करना चाहिए। मूंग की दाल की खिचड़ी सबसे ज्यादा सुपाच्य होती है। लेकिन ध्यान रहे खिचड़ी एकदम सादी होनी चाहिए अर्थात उसमें मिर्च-मसाला व तेल आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से रोगी व्यक्ति की स्थिति बिगड़ सकती है तथा उसको अपच की संभावना हो सकती है। इसके अलावा डायरिया के रोगी को साबूदाने की खिचड़ी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि गरिष्ठ होती है।
6. डायरिया होने पर फल तथा फलों के जूस का सेवन करना चाहिए:
डायरिया होने पर फलों का सेवन अत्यधिक मात्रा में करना चाहिए फर्स्ट ऑफिस से पीड़ित व्यक्ति कमजोरी दूर हो जाती है तथा शरीर में पानी की कमी की भी पूर्ति हो जाती है। दा एरिया में सेब खाना चाहिए इसमें मौजूद पेक्टिन में बंधन का रिकार्ड होता है जो पेट को बांधकर दस्त रोग देता है। रोगी व्यक्ति को उबला का मसला से दिया जा सकता है। इसके अलावा अनार की दस्त को रोककर शरीर की कमजोरी व पानी की कमी को पूरी करने में मददगार होता है। इसके अलावा संतरा केला अमरूद की रसभरी आदि फलों का सेवन करने से डायरिया में फायदा मिलता है। फलों का सेवन करने से रोगी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। डायरिया होने की स्थिति में त्वचा में आया रूखापन भी फलों के सेवन से दूर हो जाता है तथा त्वचा वापस चमकदार व नमी युक्त हो जाती है।
7. डायरिया के रोगी को छाछ का सेवन करना चाहिए:
डायरिया के रोगी व्यक्ति को छाछ का सेवन करना चाहिए। छाछ पेट को ठंडा रखता है इसके अलावा शरीर को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है। इससे हाथ में अच्छे बैक्टीरिया और प्रोबायोटिक जाएंगे तथा दस्त को रोकने का काम करेंगे। छाछ में पुदीना भुना जीरा व काला नमक मिलाकर पीने से बहुत अधिक फायदा मिलता है। लेकिन डायरिया पीड़ित व्यक्ति को छाछ में मिर्चे का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा मिर्चा पेट में जलन पैदा करेगा तथा मिर्चे की प्रकृति दस्तावर होती है, ऐसे में डायरिया के दौरान मिर्ची का सेवन दस्त को और अधिक बढ़ा सकता है।
8. डायरिया के रोगी को दलिया का सेवन करना चाहिए:
दलिया में घुलनशील फाइबर मौजूद होता है। दलिया पेट में जाकर पानी को अवशोषित करता है तथा मल को पतला होने से रोकता है। इस प्रकार डायरिया के दौरान रोगी व्यक्ति दलिया का सेवन कर सकते हैं किंतु इसे दूध के साथ न बनाए बल्कि हरी सब्जियों के साथ नमकीन दलिया का सेवन करें। यह अत्यंत पौष्टिक होती है।
9. बच्चों को डायरिया होने पर गाजर देना चाहिए:
डायरिया रोग बच्चों से ज्यादा वयस्कों में होने वाला रोग है तथा बच्चों में ही इसके गंभीर लक्षण भी दिखाई देते हैं। बच्चों को डायरिया होने पर उन्हें गाजर का सेवन कराना चाहिए। गाजर में बहुत अधिक मात्रा में पौष्टिक तत्व, विटामिन्स व मिनरल्स पाए जाते हैं। गाजर का रस पतले दस्त रोकने में सहायक होता है तथा डायरिया में तुरंत राहत पहुंचाता है। गाजर में पेक्टिन पाया जाता है जो हमारे शरीर में पानी को तेजी से अवशोषित करता है। बच्चों को गाजर का रस या गाजर उबालकर व मसलकर दे सकते हैं। इसलिए डायरिया में दस्त से छुटकारा पाने के लिए गाजर का सेवन करना चाहिए।
10. डायरिया के रोगी को आलू का सेवन करना चाहिए:
डायरिया के रोगी को उबले आलू का सेवन नमक व कालीमिर्च के साथ करना चाहिए। यह सुपाच्य भी होता है तथा आलू में पाया जाने वाला स्टार्ट दस्त रोकने में सहायक होता है। आलू हमारे पेट के अतिरिक्त जल को सोखकर मल को टाइट कर देता है जिससे पतली दस्त रुक जाती है। आलू में विटामिन सी,विटामिन बी6, स्टार्च व कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो कि रोगी व्यक्ति के शरीर को ताकत प्रदान करता है तथा कमजोरी भी दूर कर देता है।
11. डायरिया के दौरान केला खाएं:
डायरिया के रोगी व्यक्ति केले का सेवन कर सकते हैं। केले में पोटैशियम पाया जाता है जो आंत को सुचारू रूप से कार्य करवाने में मदद करता है तथा पतली दस्त को टाइट करता है। इस प्रकार दस्त और उल्टी में राहत मिलती है। इसलिए डायरिया का रोगी केले का सेवन कर सकता है।
क्या न खाएं-
डायरिया में खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए तथा समस्या बढ़ाने वाले चीजों का सेवन करते ही नहीं करना चाहिए। डायरिया होने पर इन चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए:
1. डायरिया होने पर डेयरी उत्पादों से परहेज करना चाहिए:
दूध व दूध से बनी चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त पड़ने लगती है। इसलिए डायरिया के रोगी को दूध तथा दूध से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। दूध गरिष्ठ होता है तथा आसानी से पचता नहीं है इसलिए डायरिया के रोगी व्यक्ति को दूध तथा दूध से बनी चीजों के सेवन से समस्या अधिक बढ़ सकती है इसलिए इसका सेवन न करें।
2. डायरिया में वसायुक्त आहार न लें:
डायरिया होने पर वसा युक्त व तले-भुने खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार के आहार आसानी से पचता नहीं है तथा अपच पैदा कर देते हैं। चिकनाई युक्त भोजन करने से डायरिया की समस्या अधिक जटिल हो जाती है।
3. डायरिया में फाइबर युक्त भोजन न करें:
फाइबर युक्त चीजों का सेवन इसलिए किया जाता है ताकि पेट अच्छी तरह साफ हो जाए तथा डायरिया के दौरान फाइबर युक्त चीजों का सेवन दस्त बढ़ोतरी करता है। इसलिए डायरिया के रोगी को फाइबर युक्त चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए अन्यथा उसकी दस्त पड़ सकती है।
4. डायरिया होने पर चाय कॉफी के सेवन से बचें:
डायरिया होने पर चाय कॉफी के सेवन नहीं करना चाहिए।इसमें पाया जाने वाला कैफीन पेट के लिए हानिकारक होता है। यह पेट में गैस बना देेेता है तथा भूूख भी मार देेेता है।
5. डायरिया में मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए:
डायरिया के रोगी को एकदम सादा भोजन करना चाहिए। डायरिया में मिर्च मसालेदार भोजन की मनाही होती है। डायरिया में पाचन प्रणाली अत्यधिक शिथिल हो जाती है इसलिए कुछ भी आसानी से नहीं पच पाता। ऐसे में तेल मसाले वाला भोजन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि यह पचता नहीं है तथा रोगी की समस्या और भी बढ़ जाती है।
6. डायरिया में शराब का सेवन बिलकुल न करें:
शराब वैसे भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है लेकिन डायरिया के रोगी को शराब का सेवन कतई नहीं करना चाहिए। सामान्यतया यह देखा जाता है कि जो लोग रात में ज्यादा शराब का सेवन करते हैं अक्सर उनका पेट सुबह खराब रहता है तथा दस्त पड़ने लगती है। ऐसे में डायरिया के रोगी के लिए शराब का सेवन अत्यंत घातक हो सकता है।
7. डायरिया में हरी या लाल किसी भी प्रकार की मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए:
हरी या लाल किसी भी प्रकार की मिर्च का सेवन डायरिया के दौरान नहीं करना चाहिए। मिर्च दस्तावर प्रकृति की होती है। मिर्चे के ज्यादा सेवन से दस्त बार-बार पड़ने लगता हैं तथा पेट में जलन भी पैदा हो जाती है। डायरिया के दौरान हरी या लाल किसी भी प्रकार की मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए।
8. डायरिया के रोगी को नानवेज का सेवन नहीं करना चाहिए:
डायरिया के मरीज को नानवेज का सेवन नहीं करना चाहिए। नाॅनवेज अत्यधिक गरिष्ठ होता है तथा डायरिया में रोगी व्यक्ति का पाचन तंत्र बहुत कमजोर हो जाता है, इस कारण रोगी व्यक्ति इसे पचा नहीं पाता। इसके अलावा नानवेज अत्यधिक वसा युक्त होता है, इसलिए भी इसके पाचन में समस्या होती है। इसलिए डायरिया के मरीज को नानवेज का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।
9. डायरिया होने पर ज्यादा चीनी व चीनीयुक्त पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए:
डायरिया के दौरान रोगी व्यक्ति को चीनी व चीनीयुक्त चीजों का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। चीनी हमारे शरीर में जल को अवशोषित नहीं होने देती तथा पतली दस्त आसानी से रूक नहीं पाती है। इसी कारण डायरिया के रोगी को फलों का रस भी पीने से मना किया जाता है क्योंकि इससे चीनी बहुत उच्च मात्रा में शरीर में पहुंच जाती है। ज्यादा चीनी युक्त पदार्थ पाचन प्रणाली पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं। इसलिए डायरिया के रोगी को ज्यादा चीनी युक्त पदार्थों तथा फलों के रस का सेवन नहीं करना चाहिए।
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