किडनी की पथरी, प्रकार, लक्षण, कारण, उपचार व बचाव
किडनी की पथरी क्या है
आजकल की अव्यवस्थित और भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी लोग किसी न किसी रोग से ग्रसित होते जा रहे हैं। ऐसे में आजकल पथरी की समस्या तेजी से सामने आ रही है। हर दूसरे तीसरे व्यक्ति को पथरी की समस्या है। यहां हम किडनी की पथरी के बारे में विस्तार से पूरी जानकारी इस पोस्ट में देने जा रहे हैं:-
किडनी की पथरी में सामान्यत: तो कोई खास तकलीफ नहीं होती लेकिन कभी-कभी पेट में असहनीय दर्द होने लग जाता है। किडनी की समस्या और अधिक बढ़ने पर पेट में असहनीय दर्द के साथ ही पेट एकदम टाइट सा हो जाता है तथा इसके अलावा पीठ के दोनों तरफ कमर के पास भी दर्द होने लगता है। किडनी में पथरी होने पर कई बार बाथरूम जाना पड़ता है। अचानक से व्यक्ति लगातार कई बार बाथरूम जाने लग जाते हैं।
किडनी में पथरी होने का मुख्य कारण कम मात्रा में पानी पीना है। हमारे शरीर में कई तरह के ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो क्रिस्टल का निर्माण करते हैं। यह तत्व कैल्शियम, ऑक्सालेट, सोडियम तथा अन्य कई खनिज के रूप में शरीर में विद्यमान रहते हैं। जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते तब यह सारे पदार्थ धीरे-धीरे आपस में चिपकने लगते हैं और यही पथरी बन जाते हैं।
किडनी में पथरी होने का मुख्य कारण कम मात्रा में पानी पीना है। हमारे शरीर में कई तरह के ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो क्रिस्टल का निर्माण करते हैं। यह तत्व कैल्शियम, ऑक्सालेट, सोडियम तथा अन्य कई खनिज के रूप में शरीर में विद्यमान रहते हैं। जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते तब यह सारे पदार्थ धीरे-धीरे आपस में चिपकने लगते हैं और यही पथरी बन जाते हैं।
गुर्दे हमारे शरीर का बहुत ही आवश्यक अंग होते हैं।
यही हमारे शरीर में रक्त को शुद्ध करके विषाक्त पदार्थों को यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकालते हैं। किडनी को हमारे शरीर की प्यूरीफायर मशीन भी कहा जा सकता है। ऐसे में यदि किडनी संबंधित कोई भी रोग होता है तो यह हमारे पूरे शरीर के लिए समस्या बन जाता है। किडनी में पथरी होने का एक अन्य मुख्य कारण गलत खानपान भी है।
यही हमारे शरीर में रक्त को शुद्ध करके विषाक्त पदार्थों को यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकालते हैं। किडनी को हमारे शरीर की प्यूरीफायर मशीन भी कहा जा सकता है। ऐसे में यदि किडनी संबंधित कोई भी रोग होता है तो यह हमारे पूरे शरीर के लिए समस्या बन जाता है। किडनी में पथरी होने का एक अन्य मुख्य कारण गलत खानपान भी है।
किडनी में पथरी होने के लक्षण:
किडनी में पथरी होने के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार के हैं-
1.पीठ में दाहिनी तरफ या दोनों तरफ कमर के थोड़ा ऊपर दर्द होना,
2. बार-बार बाथरूम जाना,
3. बाथरूम करते समय दर्द या जलन,
4. बार-बार बाथरूम होना पर बहुत ही कम मात्रा में।
विशेष परिस्थिति:
यदि आपको दर्द के साथ निम्नलिखित प्रकार के कोई लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें-
1.मतली या उल्टी होना,
2. ठंड लगना,
3. बुखार होना,
4. इतना गंभीर दर्द होना कि व्यक्ति आराम से बैठ न सके, खड़ा न हो सके या लेट भी न पाए,
5.यूरिन में खून आना,
6.बाथरूम करने में कठिनाई होना।
किडनी स्टोन के प्रकार:-
किडनी में पथरी कई प्रकार की होती है। ये चार प्रकार की होती हैं:
1. कैल्शियम पथरी-
यह सबसे सामान्य किडनी स्टोन है। ज्यादातर लोगों में यहीं देखने को मिलती है। इसमें कैल्शियम अन्य पदार्थों (ऑक्सालेट, फास्फेट,कार्बोनेट) के साथ मिलकर पथरी का निर्माण करता है। कम ऑक्सालेटयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर इसका खतरा कम किया जा सकता है। आलू के चिप्स, मूंगफली, चॉकलेट, चुकंदर और पालक में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है।
2. यूरिक एसिड स्टोन-
यूरिन में एसिड की अधिक मात्रा होने से यूरिक एसिड स्टोन किडनी में हो जाता है। यह गाउट की समस्या से पीड़ित लोग या कीमोथेरेपी से गुजर रहे लोगों को इस प्रकार की पथरी होने की संभावना ज्यादा होती है। इस प्रकार का स्टोन तब होता है जब यूरिन में एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। प्यूरिन युक्त खाना खाने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। प्यूरिन एक बेरंग पदार्थ होता है जो पशु प्रोटीन में मौजूद होता है जैसे मछली, शेल्फिश और मांस।
3.स्टुवाइन स्टोन-
मूत्र मार्ग में होने वाला संक्रमण इसके लिए जिम्मेदार है। यही कारण है कि इस टाइप का स्टोन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक होता है। यह स्टोन बड़े हो सकते हैं और मूत्र में बाधा पैदा कर सकते हैं। ये स्टोन किडनी में इन्फेक्शन का कारण होते हैं। बुनियादी संक्रमण का इलाज स्टुवाइन स्टोन के विकास को रोक सकता है।
4. सिस्टीन स्टोन-
यह स्टोन बहुत क्लियर होता है। यह मुख्यतः आनुवांशिक विकार से ग्रस्त रोगियों में ज्यादातर पाया जाता है। सिस्टीन स्टोन के मामले बहुत कम होते हैं। यह उन पुरुषों और महिलाओं में होते हैं जिन्हें अनुवांशिक विकार सिस्टिन्यूरिया, एक अनुवांशिक विकार जिसमें अमीनो एसिड सिस्टीन द्वारा बनने वाले स्टोन गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय में बनते हैं। इस प्रकार की पथरी में सिस्टीन (यह एक एसिड होता है जो शरीर में स्वाभाविक रूप से होता है) का रिसाव किडनी से मूत्र में होता है।
किडनी स्टोन के कारण:
किडनी में स्टोन हो जाने के कई कारण होते हैं। यहां पर हम उन कारणों को दो भागों में विभाजित करके बताएंगे-
क. जीवनशैली या शारीरिक कारण,
ख. आहार संबंधी या बाहरी कारण।
क. जीवनशैली या शारीरिक कारण,
ख. आहार संबंधी या बाहरी कारण।
(क) जीवन शैली या शारीरिक कारण-
किडनी में पथरी होने का अहम कारण गलत जीवनशैली व अपर्याप्त मात्रा में पानी पीना है। आज के समय में हम इतनी अस्वस्थकर दिनचर्या व्यतीत कर रहे हैं कि अधिकतर लोग किडनी में पथरी के मरीज पाए जाते हैं। तो आइए जानते हैं कि वह कौन-कौन से जीवनशैली संबंधी कारक हैं जो किडनी में पथरी का कारण बनते हैं:1. पानी कम पीना-
प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पिएं। किडनी में पथरी का प्रमुख कारण कम मात्रा में पानी का सेवन करना है। जब हम कम मात्रा में पानी पीते हैं तो हमारे शरीर के अपशिष्ट पदार्थ पतले नहीं हो पाते और शरीर से बाहर निकलने के लिए उसे पतला होना जरूरी है। जब व्यक्ति कोई तैलीय या अधिक मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करता है तो हमारा शरीर रक्त साफ करने की प्रक्रिया में खून से उन अम्लीय या अपशिष्ट पदार्थों को अलग करके यूरिन द्वारा बाहर निकालने के लिए अलग कर देता है और यदि ऐसे में हम पानी पीते हैं तो यह अपशिष्ट पदार्थ कणों (क्रिस्टल) के रूप में मूत्र नली में जम जाते हैं और धीरे-धीरे आपस में जुड़ जाते हैं, यही कण मिलकर पथरी का निर्माण करते हैं। इसलिए अधिक से अधिक मात्रा में पानी पिएं ताकि पथरी का निर्माण ही न हो और यदि हो भी तो वह धीरे-धीरे यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाए।
2. मोटापा-
मोटापा स्वयं में एक बीमारी है। मोटे लोगों को कई तरह की बीमारियां घेर लेती है। मोटे लोगों में किडनी में पथरी की समस्या आम होती है। यदि किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 30 या उससे अधिक है तो इसका मतलब है कि ऐसा व्यक्ति मोटापे का शिकार है। इसलिए वजन को नियंत्रित रखना चाहिए अन्यथा शरीर कई बीमारियों का घर हो जाता है। मोटापा होने पर भी किडनी की पथरी होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
3. मेडिकेशन-
कभी-कभी कुछ दवाओं के कारण भी हमारे शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जो की पथरी का कारण बनता है। कुछ प्रकार की मेडिकेशन जैसे एंटी बायोटिक्स, एचआईवी ड्रग्स, हाई बीपी या आयरन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाईयां किडनी में पथरी बनने का कारण हो सकती हैं इसलिए ऐसी दवाओं का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।
4. पेट से जुड़ी समस्याएं-
पेट या आंत से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्याएं किडनी में पथरी होने का कारण बनती हैं। जब डायरिया होता है तो शरीर का बहुत ज्यादा पानी शरीर से निकल जाता है और बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है, जिसकी वजह से बाथरूम बहुत कम होती है। इसी के साथ ही हमारे शरीर के अपशिष्ट पदार्थ भी बाथरूम के जरिए बाहर नहीं निकल पाते तथा शरीर से अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलने के बजाय किडनी में ही मूत्र नलिका में छोटे-छोटे कणों के रूप में जम जाते हैं तथा धीरे-धीरे जुड़कर किडनी की पथरी बनते हैं।
वैसे तो किडनी स्टोन के लिए कई तरह की दवाइयां बाजार में उपलब्ध है तथा ऑपरेशन द्वारा भी निकाला जा सकता है। लेकिन फिर भी कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी किडनी की पथरी से छुटकारा पाया जा सकता है। के घरेलू उपाय कुछ इस प्रकार हैं:-
(ख) आहार संबंधी बाहरी कारण-
जीवन शैली की अनियमितता के अलावा किडनी की पथरी हमारे गलत खानपान व आहार संबंधी गलतियों के कारण हो जाती है। हमारे भोजन में सामान्य तौर पर ऐसे कई पदार्थ शामिल हैं जो हमारे शरीर में जाकर स्टोन का निर्माण करते हैं। तो आइए जानते हैं कि वह कौन सी चीजें हैं जिन्हें खाने से किडनी में पथरी हो जाती है:1. पालक व भिंडी-
पालक में बहुत अधिक मात्रा में ऑक्सलेट पाया जाता है। पालक ही नहीं बल्कि हर पत्तेदार सब्जियों में बहुत अधिक मात्रा में ऑक्सलेट पाया जाता है। जो की पथरी का निर्माण करता है। पालक के साथ ही भिंंडी, बैंगन, टमाटर आदि सब्जियों के सेवन से भी बचें क्योंकि इन सब में ऑक्सलेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यदि आपको पथरी है तो किसी भी कीमत पर इन सब्जियों का सेवन करने से बचें।2. चाय-
चाय व कॉफी में कैफीन बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है। किडनी स्टोन से पीड़ित व्यक्तियों को चाय पीने की सख्त मनाही होती है। एक शोध में पाया गया कि यदि मात्र चाय पीने की आदत को छोड़ दिया जाए तो किडनी में पथरी होने की 30% संभावना कम की जा सकती है। इसलिए यदि आपको किडनी स्टोन है तो चाय या कॉफी बिल्कुल न पिएं। इसकी जगह पर आप ग्रीन टी व हर्बल टी का प्रयोग कर सकते हैं। यह स्वास्थ्यवर्धक होती है तथा बहुत से औषधीय गुणों से भरपूर होती है।3. नमक-
सामान्य तौर पर भी नमक का अधिक सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह होता है। यदि किडनी स्टोन न हो फिर भी नमक गुर्दों को क्षतिग्रस्त करता रहता है इसलिए इसका सेवन कम करना चाहिए। जहां तक किडनी स्टोन की बात है किडनी में जमने वाले क्रिस्टल में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। नमक में सोडियम पाया जाता है और पेट में जाने के बाद यह कैल्शियम में परिवर्तित हो जाता है। किडनी में पथरी के निर्माण में कैल्शियम सोडियम दोनों ही तत्व जिम्मेदार होते हैं। इसलिए यदि किसी व्यक्ति को किडनी स्टोन हो तो कम से कम नमक का सेवन करना चाहिए तथा जहां तक हो सके नमक का सेवन न के बराबर करना चाहिए।4.चाॅकलेट-
ज्यादा नमक के साथ ही ज्यादा मीठा भी हानिकारक होता है। चॉकलेट में ऑक्सलेट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। यदि आप किडनी स्टोन से बचना चाहते हैं तो चॉकलेट का कम से कम सेवन करें तथा यदि आपको किडनी स्टोन है तो चॉकलेट से पूरी तरह परहेज करें।5. चुकंदर
यूं तो चुकंदर शरीर व स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है। लेकिन किडनी स्टोन के मामले में यह बहुत हानिकारक होता है। इसमें ऑक्सलेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि किडनी पथरी बनाता है व बढ़ाता है। इसलिए किडनी स्टोन में चुकंदर का सेवन नहीं करना चाहिए।6.नॉनवेज-
मीट, मुर्गा, मछली व अंडे में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। प्रोटीन शरीर में जाकर किडनी में बहुत अधिक प्यूरिन बनाता है जिससे यूरिक एसिड बनता है और यही यूरिक एसिड किडनी में स्टोन बनाता है। इसलिए नॉनवेज का सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए विशेषकर रेड मीट का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।किडनी की पथरी खत्म करने के लिए क्या करें:
किडनी में स्टोन की समस्या बहुत आम है। यूरिन में कई रासायनिक तत्व विद्यमान रहते हैं जैसी यूरिक एसिड, फास्फेट, कैल्शियम, ऑक्सलेट आदि। यही तत्व किडनी स्टोन बनाने के लिए उत्तरदाई होते हैं।वैसे तो किडनी स्टोन के लिए कई तरह की दवाइयां बाजार में उपलब्ध है तथा ऑपरेशन द्वारा भी निकाला जा सकता है। लेकिन फिर भी कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी किडनी की पथरी से छुटकारा पाया जा सकता है। के घरेलू उपाय कुछ इस प्रकार हैं:-
1. पानी-
किडनी में पथरी होने का मुख्य कारण पानी कम पीना है। डिहाइड्रेशन के कारण किडनी स्टोन बनता है। यदि हम पर्याप्त मात्रा में पानी पिएंगे तो शरीर के सभी अपशिष्ट पदार्थ यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकल जाएंगे और जब हम कम मात्रा में पानी पीते हैं तो हमारा यूरिन गाढा़ हो जाता है और कई रासायनिक तत्व क्रिस्टल के रूप में हमारी किडनी में जमने लगते हैं और पथरी का रूप ले लेते हैं। इसलिए एक दिन में कम से कम 10 गिलास पानी अवश्य पिएं। इससे बाथरूम भी अच्छे से होगी और धीरे-धीरे स्टोन पानी में घुलकर खुद ही निकल जाएगी।2. लेमन जूस और ऑलिव ऑयल-
लेमन जूस और ऑलिव ऑयल को मिलाकर उसका सेवन गॉलब्लेडर स्टोन के निदान के लिए किया जाता है।उसी प्रकार यह किडनी स्टोन में बहुत अधिक लाभदायक है। नींबू के रस में सिट्रिक एसिड पाया जाता है जो कि कैल्शियम तत्व से बनने वाले स्टोन को तोड़ता है और पुनर्निर्माण से भी रोकता है। इसके लिए लेमन जूस और ऑलिव ऑयल को समान मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार एक-एक चम्मच सेवन करें। ऐसा करने से धीरे-धीरे स्टोन टूट-टूट कर यूरिन के साथ निकल जाएगी।3. अनार-
अनार के जूस व बीज में एस्ट्रिजेंट गुण होता है जो कि किडनी के स्टोन के इलाज में मददगार होता है। अनार खाने से किडनी की कार्यप्रणाली बेहतर होती है और बिना इलाज या दवा के ही स्टोन व अन्य विषैले तत्व बाहर आ जाते हैं। साथ ही यूरिन में एसिड स्तर भी कम हो जाता है। अनार में एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होता है जिससे वह मूत्राशय की दीवार पर बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है। इसके साथ ही अनार में विटामिन सी होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाता है व अन्य इंफेक्शन से भी बचाता है। इसलिए यदि आपको किडनी स्टोन की समस्या है तो अनार को अपनी डाइट में जरुर शामिल करें।
4.तरबूज-
मैग्नीशियम,फॉस्फेट,कार्बोनेट और कैल्शियम से निर्मित किडनी स्टोन के उपचार के लिए तरबूज एक बहुत अच्छा उपाय है। तरबूज में मौजूद तत्व किडनी को स्वस्थ रखते हैं। तरबूज में पोटैशियम पाया जाता है जो कि यूरिन में एसिड लेवल को मेंटेन रखने में मदद करता है। तरबूज में पानी भी भरपूर मात्रा में होता है जो कि प्राकृतिक ढंग से स्टोन को शरीर से बाहर निकाल देता है।5.राजमा-
राजमा का आकार किडनी की भांति होता है इसलिए इसे किडनी बींस भी कहते हैं। यह किडनी और ब्लैडर संबंधी समस्याओं में फायदेमंद होता है। राजमा में भरपूर मात्राा में फाइबर होता है इसलिए यह पाचन मेंं भी फायदेमंद होता है। यदि किडनी में पथरी हो तो राजमा को भिगो दें तथा फिर उसके भिगोए पानी का सेवन करें। यह किडनी स्टोन निकालने में अत्यंत सहायक होता है।6. व्हीटग्रास-
व्हीटग्रास यानी कि गेहूं का ज्वार। इसेेेे पानी मेंं उबाल लें, फिर इसे ठंडा करके इसमें नींबू का रस मिलाकर पीने से किडनी स्टोन में बहुत अधिक फायदा मिलता है। यह किडनी की अन्य बीमारियों में भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।7. कुलथी की दाल-
कुलथी की दाल को पथरी नाशक माना जाता है। कुलथी की दाल में विटामिन ए पाया जाता है जो कि शरीर में पथरी बनने से रोकने में सहायता करता है। कुलथी की दाल का सेवन करने से पथरी टूटकर या घुलकर छोटी हो जाती है, जिससे स्टोन सरलता से मूत्राशय में जाकर यूरिन के माध्यम से बाहर आ जाता है। कुलथी की दाल में मूत्र वर्धक गुण होता है। यह बाथरूम की मात्रा व गति दोनों बढ़ा देती है जिससे कि दबाव के कारण स्टोन यूरिन के जरिए बाहर आ जाता है। किडनी स्टोन में कुलथी की दाल औषधि के समान है।
8. नींबू का रस व कौड़ी-
किडनी स्टोन में नींबू का रस व कौड़ी भी बहुत फायदेमंद होता है। यदि आपको किडनी स्टोन है तो किसी पंसारी की दुकान पर जाकर आधी पीली और आधी सफेद रंग की कौड़ी ले आएं और फिर 6 से 7 कौड़ी गर्म पानी से धुल कर चीनी मिट्टी के बर्तन में रखकर उसमें नींबू का रस निचोड़ दें। फिर दूसरे दिन सुबह-सुबह इस रस को छानकर पी लें। इस प्रक्रिया को तब तक अपनाना है, जब तक कौड़ी पूरी तरह घुल न जाए। फिर इसके बाद अल्ट्रासाउंड कराएं, यदि थोड़ी बहुत पथरी रह गई हो तो फिर से यही प्रक्रिया दोहराएं। यह उपाय निश्चित लाभ देगा। यह अपनाया हुआ है तथा 100% लाभकारी है।
9. नारियल पानी-
नारियल पानी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व मौजूद होते हैं। किडनी स्टोन की समस्या में नारियल पानी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। प्रतिदिन नारियल पानी का सेवन करने से किडनी की पथरी प्राकृतिक ढंग से बाहर निकल जाती है। नारियल पानी पीने से किडनी स्टोन की समस्या इसलिए भी दूर हो जाती है क्योंकि यह पेशाब की नली को साफ कर देती है। इसके साथ ही यदि आपको किडनी स्टोन नहीं है, फिर भी कुछ-कुछ दिन पर इसका सेवन करते रहना चाहिए क्योंकि यह किडनी में स्टोन का निर्माण ही नहीं होने देती है।
10. गन्ने का रस-
किडनी में पथरी होने पर गन्ने के रस का सेवन भी अत्यंत लाभदायक होता है। किडनी में पथरी तभी बनती है जब हम बहुत कम पानी का सेवन करते हैं और यदि हम लगातार शरीर में पानी की कमी को पूरा करते रहे तो यह ठीक भी हो जाएगी। किडनी स्टोन होने पर प्रतिदिन गन्ने के रस का सेवन करें क्योंकि यह स्टोन को तोड़कर यूरिन में घोल देता है और इस प्रकार स्टोन यूरिन के जरिए शरीर से बाहर आ जाता है।
11. सेब का सिरका-
किडनी स्टोन में सेब का सिरका बहुत फायदेमंद होता है। सेब के सिरके के सेवन से किडनी के स्टोन को पिघलाया जा सकता है। सेब के सिरके का प्रयोग करने से कुछ ही दिनों में पथरी घुलकर पेशाब की नली द्वारा शरीर से बाहर निकल जाती है।
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